बुधवार, 22 जुलाई 2015

मेरे जन्म दिवस पर मुझको

मेरे जन्म दिवस पर मुझको
…आनन्द विश्वास

मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
सुन्दर पुस्तक *देवम* दी है,पढ़ने वाला प्यार दिया है।
पुस्तक में बालक देवम ने,
आतंकी को मार गिराया।
बेटा बेटी सभी पढ़ेंगे,
का सुन्दर अभियान चलाया।
सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे, नारे को साकार किया है।
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
वृद्धाश्रम में विधवा माँ को,
उसको उसका घर दिलवाया।
उसका बेटा बड़ा दुष्ट था,
उसे जेल में बन्द कराया।
वृद्धजनों की सेवा करना, हमें सिखा उपकार किया है।
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
इस पुस्तक में एक बात जो,
सबसे ज्यादा मुझको भाई।
देवम ने भी जन्म दिवस पर,
सबको पुस्तक ही बँटवाई।
और साथ में पेन बाँट कर, कैसा उच्च विचार दिया है।
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
अच्छी पुस्तक सच्चा साथी,
हर कर तक पुस्तक पहुँचाऐं।
अच्छी पुस्तक पढ़ लेने की,
सब के मन में ललक जगाऐं।
सबको पुस्तक सबको शिक्षा, उत्तम मंत्रोच्चार किया है।
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
…आनन्द विश्वास

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