बुधवार, 15 जुलाई 2015

शहीदो के सपने

शहीदों ने अपनी हसरतों से बनी हुई आज़ादी की तस्वीर,
और मन में सुन्दर भारत के सपने पाले होंगे

लगता था कि चमन में अमन के उजाले होंगे
हर एक को आशियाना और मुह में निवाले होंगे
क्या पता था कि जो माली थे चमन के, उनके दिल काले होंगे
और मन में सुन्दर भारत के सपने पाले होंगे

जिन्हे समझा था रास्ते का हमसफ़र
वो ही रहते हैं इन सबसे बेखबर
नहीं था इलम कि इनके दिल में, नफरत कि आग और हाथों में भाले होंगे
और मन में सुन्दर भारत के सपने पाले होंगे

देश लूटा , इंसानियत लूटी , और लूटे शहीदों के अरमान
ईमानदारी कि नौका कि अब चला रहे हैं बेईमान
नहीं सोचा था कि , इस से तो गुलाम ही भले होंगे
और मन में सुन्दर भारत के सपने पाले होंगे

शहीदों के लहू से बनी ये तस्वीर अब बदरंग हो रही है
औरों कि तो बात ही क्या,अब भाई की भाई से जंग हो रही है
वतन पर मिटने वाले अब कहाँ ऐसे दिलवाले होंगे
और मन में सुन्दर भारत के सपने पाले होंगे

हितेश कुमार शर्मा

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