शनिवार, 11 जुलाई 2015

वक़्त

हर वक़्त कुछ कहता हैं
कुछ वक़्त खुशियां लाता हैं,
कुछ वक़्त गम सहता हैं.
हर वक़्त की अपनी परिभाषा हैं
हर किसी को वक़्त से अभिलाषा हैं

वक़्त का हैं कीमती मोल
सिर्फ कष्टो में ना इसे तोल
वक़्त किसी का मोहताज़ नहीं
वक़्त का कोई सरताज़ नहीं

वक़्त ना थमे कभी,
वक़्त ना रुके कभी.
वक़्त सबसे बेबाक हैं
हर इंसान वक़्त के आगे लाचार हैं
कर्तव्यवान, निष्ठावान हर वक़्त हैं
जिसकी कठपुतली सारा- संसार हैं

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