बच्चो का प्यारा,
  सारे जहां का दुलारा
  भारत माता की
  आँखों का तारा !
  रोशन था जिसके दम पे मेरा देश
  लुप्त हुआ वो नायाब सितारा !! 
ब्रह्माण्ड जिसके कदमो में था
  फिर भी पैर उसका जमीं पे था
  कल जिसने अखबार बेचा था
  आज वही अखबारों में छाया था !!
बिताया जीवन जिसने गरीबी में
  दिये के उजाले में खुद को तराशा !
  जला के करोडो दिलो में चिराग
  दुनिया को दे चला जीने की आशा !!
आम इंसान नही वो
  कुदरत का भेजा फरिश्ता था !
  इस धरा के हर प्राणी से
  वो महापुरुष रखता दिल का रिश्ता था !!
नम हुए है नयन आज
  तुम प्यारे कलाम चले गए !
  दे दुनिया को नयी दिशा
  तुम सदा सदा के लिए चले गए !! 
डी. के. निवातियाँ !!
Read Complete Poem/Kavya Here तुम प्यारे कलाम चले गए ! ....श्रद्धा सुमन !!
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