सोमवार, 27 जुलाई 2015

है मोहब्बत बुरी.. {हिंदी गीत}

है मोहब्बत बुरी.. {हिंदी गीत}

ऐ मेरे दोस्तों तुम जरा जान लो..
है मोहब्बत बुरी ये सदा जान लो
ऐ मेरे दोस्तों…

मैं दिवाना नहीं..मैं बेगाना नहीं..
हैं भला इश्क़ क्या मैंने जाना नहीं
फिर भी इतना कहूँ , तुम जरा ध्यान दो
हैं मोहब्बत बुरी ये सदा जान लो
ऐ मेरे दोस्तों…

ये तराना है वो..ये फ़साना है वो..
जिसमे लुटाते सभी ये जमाना है वो
गम ही मंज़िल है इसकी ये कहा मान लो
है मोहब्बत बुरी ये सदा जान लो
ऐ मेरे दोस्तों..

जिसने इश्क़ किया..मिली उसको सजा..
मौत ढूंढें उसे जिसने की ये खता
तुम न करना कभी ये खता जान लो..
है मोहब्बत बुरी ये सदा जान लो
ऐ मेरे दोस्तों…

ऐ मेरे दोस्तों तुम जरा जान लो..
है मोहब्बत बुरी ये सदा जान लो
ऐ मेरे दोस्तों…

प्रभात रंजन
उपडाकघर रामनगर
प० चंपारण-845106

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