शनिवार, 25 जुलाई 2015

दर्द गैरों को अपना सुनाओ ना तुम..

दर्द गैरों को अपना सुनाओ ना तुम
सबके हाथों में खंजर है तलवार है
सामने संग तेरे चाहे रो लेंगे वो
बाद खंजर चुभोने को तैयार है ।

प्रभात रंजन

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