मंगलवार, 21 जुलाई 2015

बेटी बचाओ (हाइकु)

बेटी बचाओ
अमूल्य उपहार
धरती पर ,

बदलो सोच
वरना रोती होगी
अगली पीढ़ी,

हैं भाग्यशाली
घर का उपवन
खुश बेटियां ,

मर चुके वो
मारते हैं कोख में
मरती आत्मा ,

भाँपो खतरा
बिगड़ा संतुलन
जो प्रकृति का ,

सम्पूर्ण नाश
अभी सम्भले नहीं
क्यों पछताना ,

उठ सम्भल
सुरक्षित बेटियां
कर प्रतिज्ञा ,

हितेश कुमार शर्मा

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