बहार के साथ
उनका जवाब आया सवाल के साथ
  नहीं बनना अनारकली मिसाल के साथ 
दोहराएंगे इतिहास फिर वे अहम में
  चुन देंगे कनिजको दिवार के साथ 
मोहब्बत का कदर तो जिगरवाले करेंगे
  क्या करना मोहब्बत तलवार के साथ 
उंच नीच गरीब धनि दीवारें है ऊँची
  खड़ी है चारों तरफ दरवार के साथ 
रिस्ता तोड़नेका खोजेंगे नुक्स बहुत
  लगाएंगे भाव इश्क का बाजार के साथ 
बजती है घुंगरू रोज आँगन के महफिल में
  कैसे बिताऊं जिंदगी ऐतवार के साथ 
बाँहो में भर के चूमना उस शख्स को कैसे
  मुह जुठाए चलते है जो हजार के साथ 
ये भूखे नहीं मोहब्बत के वासना के है प्यासे
  क्या इश्क करना किसी बीमार के साथ 
मांगते है खुल के दहेज़ सोना चांदी गहने
  क्यों डोली चढ़ूँ किसी भिखार के साथ 
नहीं बिताना जिंदगी अब चूल्हा चौका कर के
  नाचूं गाऊं खेलु कुदु हर बहार के साथ
  २०-०७-१९६० 

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