शनिवार, 25 जुलाई 2015

।।ग़ज़ल।।तेरे इनकार से पहले ।।

।।गजल।।तेरे इनकार से पहले ।।

मायूसी मत दिखावो तुम सुरु दीदार से पहले ।।
भरोसा मैं दिलाऊँगा तेरे इनकार से पहले ।।

कोशिस मैं करूँगा की न निकले आँख से आंशू ।।
अपना दिल बिछा दूँगा किसी बौछार से पहले ।।

बहुत है शौक देखूँ मैं तुम्हारा रात दिन चेहरा ।।
निकल जायेगी जां मेरी तेरे इनकार से पहले ।।

फ़िक्र मत कर कभी भी न तेरा दिल दुखाउगा ।।
न कोई कश्म अब होगी तेरे इज़हार से पहले ।।

अगर मौका मिलेगा तो रब से माग मैं लूँगा ।।
तुम्हे, तेरी मुहब्बत को, किसी भी हार से पहले ।।

………R.K.M

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