गुरुवार, 23 जुलाई 2015

भ्रष्टाचार

मेरा भारत महान है !
यह जान तुझ पर क़ुर्बान है,
पेट मे रोटी नही,
नही है तन पे कपड़ा,
फिर भी हम कहेंगे,
ये देश! तू मुझ पर महरबान है ,
मेरा भारत महान है ?

ग़रीबी की यहा राज है,
क्यूंकी, भ्रष्टाचार ने पहना ताज है ,
हमारी झोपड़ी मे दीया नही,
पर देखो ! महलो मे क्या शान है !
मेरा भारत महान है ?

यहाँ हक के बदले ,
हमे मौत क्यूँ मिलती है?
क्यूँ हमारी, भाग्य की रेखाएँ ,
रोज फटती और सिलती है?
कोई हमे बताएँ ,
यह ज़िल्लत की ज़िंदगी क्यूँ ?
क्या हम इस देश के,
नाजायज़ संतान हैं ?
मेरा भारत महान है ?

भ्रष्टाचार एक श्राप है,
और धोना हमे यह पाप है ,
करेंगे विरोध इसका,
डर किसे?
करना आज हमे रक्त-स्नान है,
बोलो! मेरा भारत महान है !!

-पार्थ

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