hindi sahitya
मंगलवार, 4 अगस्त 2015
इतिहास
“क्यों कहते हो बार बार, के बेटा पढ़ लो इतिहास,
बस थोडा कर इंतेज़ार, हम रचने को हैं इतिहास”
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इतिहास
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