तूने ऊँगली पकड़ कर चलाया मुझे।
  तुझे हर कदम थामने का वादा है माँ।
तूने भूखे रह के भी दूध पिलाया मुझे।
  खुद से पहले खिलाने का वादा है माँ।
मेरी हल्की सी रोने की आवाज़ सुन
  दौड़ कर तू हृदय से लगाती थी माँ।
लोरी,थपकियों से चुप कराया मुझे
  तुझे उम्र भर हँसाने का वादा है माँ।
धूप,ठण्ड में आँचल में छुपाया मुझे।
  तेरा साया बन जाने का वादा है माँ।
जमीं पर सोई,बिछौने पे सुलाया मुझे।
  तुझे पलकों पे बिठाने का वादा है माँ।
अब और क्या मांगू रब से दुआ मैं कोई
  तेरे चरणों में जन्नत का सुकूँ मिल गया।
तूने माँ जो ममतामयी रस पिलाया मुझे
  रक्त-कण तुझपे मिटाने का वादा है माँ।
जिस गर्व से बेटा कह कर बुलाया मुझे
  कार्य”विशेष” कर जाने का वादा है माँ।

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