शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

shradhanjali to Mr.late rajesh khanna

आनंद का ये आखिरी सफ़र कुछ यूँ कट गया
की आराधना में उनकी हर शीश झुक गया
माना रंगमंच की वो कठपुतली दुनिया से आज हो गई है अलग-अलग
मगर प्रेम उनका सबके दिलो में रहेगा हमेशा अमर
अगर तुम न होते ,आपकी अदाए न होती
कोरा कागज बन के रह जाता ये फ़िल्म जगत
जिंदगी को आखिरी ख़त लिखने वाले ऐ बहारौ के आशिक
स्वर्ग के दो रास्तो में ही गिरेगी तेरी कटी पतंग
न दुश्मन है कोई, न जीवन में कोई दाग
हर बाबु मोशाए को है आपसे अनुराग
आखिर क्यूँ न हो आपकी ख़ामोशी का गम
ऐ छला बाबु….न भूलेंगे कभी आपको आप की कसम
अनुरोध है मेरा न बहाओ आंसू उनके nears एंड dears
क्यूंकि काका कहते थे i hate tears …..

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