हमारी है दुआ तुमको हुस्न सरताज बन जाओ |
  खिलो इतना कि सारे गुलशनों के नाज बन जाओ ||
 तुम्हारे शौक पूरे हो भले वो शौक हों कैसे ?
  शिकारी शौक जो जागे तो पंक्षी बाज बन जाओ ||
पुरानी बात तेरी याद से हम भी तो जी लेंगें |
  तुम्हे प्यारी बुलंदी है महल ए ताज बन जाओ ||
त्रिलोकी नायिका तू बन सके ये ख़्वाब मेरा है |
  सभी दिल तेरे तालिब हो तुम्ही वो राज बन जाओ ||
करें वंदन सभी तेरा महाराजों की महफ़िल में |
  वजीरों और सुल्तानों के तुम महराज बन जाओ ||
जगाया प्रेम पिंगल प्रेम की आराधना करके |
  जगी अब तो ऋचाएं है निगम अंदाज बन जाओ ||
अगर शिव के जान की भी जरूरत हो तो कह देना |
  बनो तुम विश्व की अधिपति विजेता आज बन जाओ ||
आचार्य शिवप्रकाश अवस्थी
  9412224548

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें