शनिवार, 28 फ़रवरी 2015

जिंदगी क्या हैं

जब कभी में ये सोचता हु की जिंदगी कहा है/क्या है तो में पता हु की

“जिंदगी लहरातें तिरंगे के उस सम्मान मैं है
जिसकी खातिर जाने कितने जवानो ने
हशते-हशते अपनी जिंदगी बलिदान कर दी
जिंदगी शरहदो की जमीं की उस मोहब्बत में है
जिसके लिए जवानो ने हर मोहब्बत कुर्बान कर दी”

जिंदगी ममता से भरी उस माँ की गोद में है
जहा जाते ही रोता हुआ बच्चा अचानक चुप हो जाता है,

जिंदगी पिता-जी की वो ऊँगली है जिसे पकड़ कर हमने चलना शिखा,
पिताजी के वो कंधे है जिन पे बैठ कर हम ने देखा जहाँ,

जिंदगी भाई के उस प्यार में है जो बगैर कुछ कहे हमारी परेशानियों को
समझ लेता है, और उन्हें दूर करता है,

जिंदगी बहन की उस दुवाओं से भरी राखी है
जो वो मेरी कलाई पे बांधती है,

जिंदगी दोस्तों से भरी वो क्लास है,
जिनके साथ हम खेलते है हस्ते है
लड़ते है रोतें है और फिर अलग होने पर
उन्ही यादो में अक्सर खोते है,

जिंदगी उस एक लड़की/लड़के के प्यार में है
जिसके लिए हम रातो को देर से सोते है और
सुभह जल्दी उठ के सबसे पहले उसे “गुड मॉर्निंग” कहते है,
जिसके लिए हम घंटो इन्तजार करते है
नाराज होते है और उसके (सॉरी देर हो गई)
कहने पे मुस्कुराते हुए “इटस ओके” कहते है

सच दोस्तों जिंदगी बोहत ही हसीन हैं

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here जिंदगी क्या हैं

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें