गुरुवार, 19 फ़रवरी 2015

माँ

आँच ना आये उसके दामन पर,
जिस दामन ने बेदाग सहारा दिया है,
हर दुःख सहकर बेमिसाल जीवन दिया है,
ना चूका पाएंगे कर्ज जन्मों तक,
ऐसा माँ ने प्यार दिया है !

बिन छाँव में भी अरमान लिए,
धुप सहकर जो कर्म किये है,
खुशियों के सपनो की सुगंध लिए,
ऐसा तप करने का फरमान दिया है,
ना चूका पाएंगे कर्ज जन्मों तक,
ऐसा माँ ने प्यार दिया है !

बिन थक्के,डालकर जोखिम में जान,
सींच के आंसू के मोतीओ से,
मेरा जीवन ही खुशहाल किया है,
ना चूका पाएंगे कर्ज जन्मों तक,
ऐसा माँ ने प्यार दिया है !

पग-पग पर कांटे जरे है,
खुद ले के चुभन खून से डगर पे,
हमारी रंगीन दुनिया बनाने को पैरो के निशान दिए है,
ना चूका पाएंगे कर्ज जन्मों तक,
ऐसा माँ ने प्यार दिया है !

बिन पानी पिये प्यास बुझाई है मेरी,
चाहे खुद आंसुओ का सैलाब पिया हो,
आशा लिए खुशियो का संसार दिया है,
‘माँ’तूने मेरा जीवन ही निखार दिया है,
ना चूका पाएंगे कर्ज जन्मों तक,
ऐसा माँ ने प्यार दिया है !

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