न जाने क्यों लोग दरियादिली की बात करते है ।
  न दरिया ही बचता है न दिल ही बचता है ।।
जिस दिन हिसाब होगा तेरे गुनाहो का देख लेना ।।
  कई बेगुनाह सजा पायेगे तेरी गवाही से ।। 2।। 
मेरी मत सोच अब लापरवाह हो गया हूँ मैं ।।
  फ़िक्र अपनी कर कही तक़लीफ न हो तुमको ।। 3।। 
सिर्फ मैं ही नही टूटूगा तुझ पर भी असर होगा ।।
  जीने नही देगा तुझे ये कहर अफवाहों का ।। 4।। 
कोई मरता नही किसी की वेवफाई से दोस्त ।।
  पर जिंदगी ही गवा देता हैं किसी को भुला पाने में ।।5।। 

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