बुधवार, 25 फ़रवरी 2015

तूने इतना दिया है ईश्वर !! ( part-1)

॥ धन्यवाद है ईश्वर ॥

तूने इतना दिया है ईश्वर
लौटा भी न पाऊ मैं मर कर ॥
नादाँ सा बच्चा था मैं जब
नहीं मालूम था ईश्वर कौन है ,
कहाँ रहता है, किसे क्या कहता है
की रुके काम बन जाते है
बंद दरवाज़े खुल जाते है॥
सोच जहाँ थक जाती है
वहां तेरी याद आती है ॥
आँख बंद कर लेता हूँ
और मन से मैं यह कहता हूँ

तूने इतना दिया है ईश्वर
लौटा भी न पाऊ मैं मर कर ॥

तू इतना बड़ा है की
देकर भूल जाता है,
पर मैं इतना छोटा हूँ की
लेकर भूल जाता हूँ ॥
पर फिर भी तू मुज़े अपनाता है
गले लगता है
रोउँ तो आसु सोक लेता है ॥
तूने इतना दिया है ईश्वर
लौटा भी न पाऊ मैं मर कर ॥

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