मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

ये साथ कभी न छूटेगा

जीवन साथी बनने से पहले आओ कुछ वादे कर लें।
ये साथ कभी न छूटेगा दृढ़ मन में ये इरादे कर लें।

राहों में जो फूल बिछा दूँ तो मेरा घर आँगन महकाना तुम।
खुशियों से दामन सजा दूँ तो गम में भी साथ निभाना तुम।
खामोशी पैदा करती है अपनों के बीच दरारों को।
आईना जो दिल को बना दूँ तो मुझसे कुछ न छुपाना तुम।

भुला सकें न जिन्हें उम्र भर ऐसी कुछ यादें क़र लें।
ये साथ कभी न छूटेगा दृढ़ मन में ये इरादे कर लें।

तेरी आँखों से दुनिया देखूं तो राह कभी न भटकाना तुम।
नजरों में रहना तुम मेरी और दिल से दूर न जाना तुम।
जब हँसते हो हौले से तो और भी प्यारे लगते हो।
अश्क़ों को मोती जो बना दूँ तो मुझे कभी न रुलाना तुम।

जीवन सदा खुशहाल रहे ये रब से फरियादें कर लें।
ये साथ कभी न छूटेगा दृढ़ मन में ये इरादे कर लें।

प्यार से जो समझाऊं तुम्हें तो फिर गलती न दोहराना तुम।
मुश्किल में हो कोई अपना तो मुझसे पहले हाथ बढ़ाना तुम।
संस्कार और सम्मान लिए एक मूरत जैसे लगते हो।
मेरा हाथ हमेशा साथ रहे,बड़ों के आगे सिर को झुकाना तुम।

प्रेम का महल न ढह पाये,मजबूत बुनियादें कर लें।
ये साथ कभी न छूटेगा दृढ़ मन में ये इरादे कर लें।

रूठो तुम कितना भी मुझसे पर मनाने से मान भी जाना तुम।
कभी आँखों पे जो गजल लिखूं तो धीरे-धीरे से मुस्काना तुम।
आवाज तुम्हारी प्यारी है हर पल सुनने को जी चाहे।
मैं सूरज बनकर तुम्हे चाँद कहूँ तो चाँद कोई फिर लाना तुम।

शामिल करके जिस्म में रूह,हर हिस्से आधे कर लें।
ये साथ कभी न छूटेगा दृढ़ मन में ये इरादे कर लें।

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