जीवन है संघर्ष अगर आँखों में अश्रु की धारा है।
  धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी का सहारा है।
  दृढ़  हो निश्चय अडिग इरादे मन में अटल विश्वास है जो।
  फिर कितनी हो मझधार में नैया निश्चय मिलता किनारा है।
सीखो बारिश की बूंदों से जो हर प्यासे की प्यास बुझाती हैं।
  सीखो पुष्पों की खुशबू से जो हर बगिया को महकाती हैं।
  सीखो दीपक की रोशनी शाम से ही जल जाती है।
  सीखो चंदा की चांदनी मन को शीतल कर जाती है।
हम भी कुछ ऐसा कर जाएँ जिसमे कुछ नाम हमारा है।
  धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी का सहारा है।
सीखो कोयल काली होकर भी गीत मधुर सुनाती है।
  सीखो नदिया की धारा संग,मैली माटी भी बह जाती है।
  सीखो सागर की लहरों से जो जीवन का राग सुनाती हैं।
  कभी उछलती कभी मचलती कभी शांत सरल हो जाती है।
सम्बन्ध किसी से ऐसा बने जो जान से भी प्यारा है।
  धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी का सहारा है।
सीखो वृक्षों की शाखाएं फल लगते ही झुक जाती हैं।
  सीखो समीर की सुर सरगम सरस सुधा बरसाती है।
  सीखो हिमगिरी की उंचाई हमें गर्व से जीना सिखाती है।
  परहित सरिस धर्म का हमको पुण्य पाठ पढ़ाती है।
सोचो किसी की जीत की खातिर तुमने क्या कुछ हारा है?
  धैर्य न खोना बस ये सोचना तू भी किसी का सहारा है।

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