मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

सपने

सपनो कि दुनिया
है अज़िब जहाँ मन के ख्वाब पुरे होते हैं
बिन कहे , बिन करे
कुछ मैं भी पाना चाहता हूँ
बस थोड़ा सा प्यार
थोड़ी खुसी
और थोड़ा
गम भी पाना चाहता हूँ
पुरानी यादें भी पाना चाहता हूँ
कुछ मैं भी पाना चाहता हूँ

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