दुनिया को सीखा हमने शाशन करना बापू, लाल, सरदार जैसे नेता हुआ करते थे दुनिया को सीखा हमने शाशन करना सत्य राह पर चलने वाले लोभ लालच से डरते थे, दुनिया को सीखा हमने शाशन करना त्याग और निष्ठा के पुजारी वो हुआ करते थे दुनिया को सीखा हमने शाशन करना
फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!
जिनके आगे सब नतमस्तक हुआ करते थे
जीना मरना देश की खातिर दम भरा करते थे
भूल गए क्यों आज के नेता उनकी रणनीति !!
फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!
‘सादा जीवन – उच्च विचार’ नारा देकर चलते थे
भेदभाव न बैर किसी से सबका सम्मान करते थे
जाने वो प्रीत निराली, नही आज किसी को भाती !!
फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!
देश की सेवा में अपना जीवन अर्पित करते थे
जनता की सेवा करना अपना धर्म समझते थे
जाने क्यों आज किसी को ये बाते नहीं सुहाती !!
फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!
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डी. के. निवातियाँ ____$$$
बुधवार, 1 जुलाई 2015
राजनीति ..........
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