बुधवार, 1 जुलाई 2015

राजनीति ..........

    1. दुनिया को सीखा हमने शाशन करना
      फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
      खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
      जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!

      बापू, लाल, सरदार जैसे नेता हुआ करते थे
      जिनके आगे सब नतमस्तक हुआ करते थे
      जीना मरना देश की खातिर दम भरा करते थे
      भूल गए क्यों आज के नेता उनकी रणनीति !!

      दुनिया को सीखा हमने शाशन करना
      फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
      खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
      जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!

      सत्य राह पर चलने वाले लोभ लालच से डरते थे,
      ‘सादा जीवन – उच्च विचार’ नारा देकर चलते थे
      भेदभाव न बैर किसी से सबका सम्मान करते थे
      जाने वो प्रीत निराली, नही आज किसी को भाती !!

      दुनिया को सीखा हमने शाशन करना
      फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
      खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
      जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!

      त्याग और निष्ठा के पुजारी वो हुआ करते थे
      देश की सेवा में अपना जीवन अर्पित करते थे
      जनता की सेवा करना अपना धर्म समझते थे
      जाने क्यों आज किसी को ये बाते नहीं सुहाती !!

      दुनिया को सीखा हमने शाशन करना
      फिर भूल गए क्यों हम खुद ये नीति !
      खो रहा आज ईमान,धर्म, और देशप्रेम,
      जाने किस राह चली अब ये राजनीति !!
      !
      !
      !
      डी. के. निवातियाँ ____$$$

      Share Button
      Read Complete Poem/Kavya Here राजनीति ..........

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें