सोमवार, 16 मार्च 2015

रचनाकार: दिवाकर प्रसाद अवधिया ,मो 9419219882, dpawadhiya@gmail.com
स्वच्छता अभियान
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,
जन जन में संकल्प जगाकर , पावनता का पाठ पढ़ाकर ,
गंगा की पावन धरती को , सुंदरता का स्वर्ग बनाएं ,
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,

दफ्तर के अफसर व बाबू, निकल पड़े ले कर के झाड़ू,
आफिस परिसर झाड़ बीन कर , आभामंडल निर्मलीन कर,
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,

शौचालय निर्मित करवाकर, समुचित कूड़ाघर बनवाकर
वर्गीकृत कूड़ादानों में कचड़े का निपटान कराएं,
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,

हरे-भरे वृछों से लथपथ, हरियाली की चादर ओढ़े ,
आसमान की खुली हवा में, निर्मलता अमृत फैलाएं ,
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,

आपस में नदियों को जोड़ें, इनकी जीवन धारा मोड़ें,
जीवन दायिनी के जीवन में, अवशिष्ट पदार्थ कभी न घोलें,
कलकल नाद प्रवाहित तरणी, मोक्षदायिनी जाय न वर्णी,
सबका मन हर्षाने वाली, जीवन रस बरसाने वाली ,
दूषित जल की करें निकासी, हाथ करोड़ों भारत वासी ,
राम क़ृष्ण की इस माटी में, ऋषि मुनियों की परिपाटी में,
मन के मलिन विकार मिटाएं,
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,

भारत मां का निर्मल दामन, मां धरणी का कण-कण पावन,
क्यों है मां का आंचल मैला, सांसों में है जहर विषैला ,
क्यों दूषित जलवायु हो गई , मानवता अल्पायु हो गई,
सुजलाम, सुफलां, शस्य श्यामलाम, सुखदाम, वरदाम कहां खो गई,
भारत की गौरव गाथा को विश्व पटल पर फिर लौटाएं,
स्वाभिमान ,सम्मान दिलाएं,
स्वच्छता अभियान चलाएं, भारत सुंदर स्वच्छ बनाएं ,

रचयिता
दिवाकर प्रसाद अवधिया
म सं 4ए , सैक्टर -7, त्रिकुटा नगर
जम्मू (जे एवं के ) पिन 180012
मो 9419219882, dpawadhiya@gmail.com

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