गुरुवार, 19 मार्च 2015

खाली बोतल ही मुह से लगा लिया करता हु ....

तेरी मोहब्बत मे इस कदर जीया करता हु

मैखाने को बोतल की तरह पीया करता हु

लोग कहते है मुझे टुट कर मत पीया कर

उन्हे क्या पता मै पी कर भी होश मे रहा करता हु

कहते है एक बुन्द पी कर क्या जीन जिन्दगि मगर

मै एक बुन्द मे सारी मह्फील सजा दिया करता हु

होश मे नही तो ये मदहोशी ही सही अजय

याद तो उसे मै हर वक्त किया करता हु

जमाने को मैखाने मे पीने कि आदत है

मै पैमाने मे दुनीया बना दिया करता हु

पैमाना न मिला आज तो कोइ गम नही ए दोस्त

खाली बोतल ही मुह से लगा लिया करता हु ….

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