आकर तो देख खुमार में तेरे
  खियामा भी सजा दिया
  खाम समझा था तूने जिसको
  सजदे तेरे खुर्शीद उसने बुझा दिया 
थोड़ा सा बद हूँ मैं  पर
  यूं मुझे बदनाम न कर
  ख्वाइशों को सस्ता कर के
  सरेआम नीलाम न कर
अ, ख्वार इल्तिजा है तुझसे
  ये जुल्म नादान ना कर
  अब्द ने बांधा दिल अमलन
  चिलमन ये बर्बाद ना कर 
आज़र्दाह है आज असद
  असफाक पर इनाम ना धर
  आकिबत है तेरे आँचल में
  अश्किया परेशान ना कर  
शब्द -१  खियामा=फूलो कि क्यारी २ खाम=नौसिखिया
  ३ खुर्शीद =सूरज ४ ख्वार =मित्रहीन ५ अब्द =दास
  ६ अमलन=सिद्दत से ७ आज़र्दाह=मजबूर ८ असद-शेर
  ९ असफाक=सहारा  ९ आकिबत=अन्जाम १० अश्किया=क्रूर   

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें