नादिर नादिम छोड़ सनम
  हम नादानी कर बैठे है
  नदीम से नाता नाताकात कर
  ऐसी हिमाकत कर बैठे हैं 
फ़िराक़ में तेरी मेरे मुहाफिज
  ऐसा कदम धर बैठे हैं
  न फिर आई वो नौबहार
  आजाब अजम कर बैठे है 
ख़ानुम तेरे ख्यालों का
  पाकीजा है दिल मेरा
  एक अदम इज्जत के खातिर
  ये जुलुम कर बैठे हैं 
1नादिर = चाहने वाला ,२ नादिम= लज्जायुक्त
  ३ नाताकात =तोड़कर ४ आजाब =दर्द
  ५ ख़ानुम=राजकुमारी ६ पाकीजा =शुद्ध
  ७ अदम =शून्य 

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