मंगलवार, 31 मार्च 2015

बस एक भरोसा तेरा है।

सारी दुनिया में मेरी माँ बस एक भरोसा तेरा है।
तेरे स्नेह और आशीष के सिवा और यहां क्या मेरा है।

पूजा है हर एक मूरत को तेरे जैसी सूरत मिली नहीं।
तीरथ कितने भी कर आऊँ तेरे कदमों में ही बसेरा है।

दर्द सहे हैं तूने बहुत पर फिर भी मुझको हंसाया है।
सुबह मिली हैं सूजी आँखे जब कष्ट मुझे कोई आया है।

सागर में मोती के जैसा तेरा मुझसे नाता गहरा है।
सारी दुनिया में मेरी माँ बस एक भरोसा तेरा है।

जब तू हृदय से लगाती है आँखों से अश्रु बह जाते हैं।
जैसे बैठा हूँ मन्दिर में मन में एहसास जगाते हैं।

मैं बहता हूँ लहरों सा तेरा मन साहिल सा ठहरा है।
सारी दुनिया में मेरी माँ बस एक भरोसा तेरा है।

मिल जाती है शक्ति मुझे चट्टानों से टकराने की।
पूरे करने अरमानों की और मंजिल को भी पाने की।

जब हाथ तेरा इस सिर पर है,आँखों के आगे चेहरा है।
सारी दुनिया में मेरी माँ बस एक भरोसा तेरा है।

दे दूँ मैं सारा जीवन फिर भी तुम्हे क्या दे पाउँगा।
दूर हुआ तेरे आँचल से इक पल भी न रह पाउँगा।

तुझसे ही मेरी साँझ ढ़ले तुझसे ही मेरा सबेरा है।
सारी दुनिया में मेरी माँ बस एक भरोसा तेरा है।
वैभव”विशेष”

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