उठ चलो ऐ दोस्त मेरे क्रांति का वक़्त है,
  तोड़ दो सारी मूक बंदिशें क्रांति का वक़्त आया है,
  शिक्षा, चिकित्सा व रोजगार पर आघात पहुंचाने वाले
  इन खदियों ऐ दोस्त मेरे
  अब धरा की गंदी धूल चटाने ने का वक़्त आया है.
उठ चलो ऐ दोस्त मेरे क्रांति का वक़्त है,
  तोड़ दो सारे धर्मो की बंदिशे क्रांति का वक़्त आया है,
  धर्मों के नाम पर लड़ाने वाले
  इन खदियों को ऐ दोस्त मेरे
  अब धरा की गन्दी धूल चटाने का वक़्त आया है.
उठ चलो ऐ दोस्त मेरे क्रांति का वक़्त है,
  तोड़ दो सारे भाषाओं की बंदिशें क्रांति का वक़्त आया है,
  भाषाओँ के नाम पर मानवता को घात पहुंचाने वाले
  इन खदियों को ऐ दोस्त मेरे
  अब धरा की गंदी धूल चटाने का वक़्त आया है. 
उठ चलो ऐ दोस्त मेरे क्रांति का वक़्त है,
  तोड़ दो सारे क्षेत्रों की बंदिशें क्रांति का वक़्त आया है,
  क्षेत्रों के नाम पर कोलाहल मचाने वाले
  इन खदियों को ऐ दोस्त मेरे
  अब धरा की गंदी धूल चटाने का वक़्त आया है. 

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें