शुक्रवार, 13 मार्च 2015

तेरे पास आने को ।।गजल।।

न आई जवाब तेरी, लिखा खत कई बार तेरे पास आने को ।
दोस्तों से करते है तेरी बाते, तड़पता रहा तेरे पास आने को ।।

तुझे आते- जाते देख राहों में, धड़कता रहा दिल तेरे पास आने को ।
सावन रात में जलता रहा, मचलता दिल रहा तेरे पास आने को ।।

जमाने की न किये परवाह, बदनाम होता रहा तेरे पास आने को ।
तू इक बार हाँ कह दे,कांटे से कर लेंगे दोस्ती तेरे पास आने को ।।

दूर से कब तक देखे, जी चाहता है तेरे पास आने को ।
हर रोज ढूंढ़ते है नई बहाने, सच में तेरे पास आने को ।।

Share Button
Read Complete Poem/Kavya Here तेरे पास आने को ।।गजल।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें