मंगलवार, 24 मार्च 2015

बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है

    1. किसी बंजर में उगता पौधे का फूल
      या कहो रेगिस्तान में तड़पती मछली
      नैन बरसे बिन मौसम बरसात की तरह
      जिसमे सरबोर भीगती मेरी जिंदगानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      मैं दुनिया से या दुनिया मुझसे बेखबर
      ये अनजानी अनसुलझी एक पहेली है
      किसी उपवन में उड़ती तितली की तरह
      थोड़ी से चंचल और थोड़ी दीवानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      असलियत से मेरी हर कोई अनजान
      हमारी भी कुछ अपनी परेशानिया है
      बिखर रहा अपना सब कुछ इस तरह
      जिस तरह बुढ़ापे में ढलती जवानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      इतना नजर अंदाज किया मुझ को
      जिंदगी अब अपनी उलझन लगती है
      न पूछो हाल मेरी इस जिंदगानी का
      जैसे किसी सुने खंडहर की वीरानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      कैसे करू किसी से अपनी बयानगी
      मुझे मेरे उसूलो के खिलाफ लगती है
      मै रहू खफा खुद से या कोई मुझ से रहे
      जिक्र करना भी अब तो जैसे बेमानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      अनजाने में शायद बन गए अफ़साने कुछ
      जो आज हम गुनहगारो की फेहरिस्त में है
      इस क़द्र हुए बेआबरू अपनों की नजर में जैसे
      अब नैनो से छलकते आंसू भी सिर्फ पानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      कभी हँसती थी कभी खिलखिलाती थी
      फूलो सी महकती,तारो सी जगमगाती थी
      जाने कहाँ गुम गयी मेरी वो अठखेलिया
      न जाने किसने हम पर बुरी नजर डाली है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      आज पूछती है मेरी तन्हाईयाँ मुझ से
      कुछ तो बता है कौन जो बिछड़ा तुझ से
      अब कैसे समझाऊ मेरा कोई साथी नही
      शायद आज मैंने खुद ही से जुदाई की ठानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      मेरी आदते ही शायद कुछ ऐसी थी
      दुनिया से सुर ताल मिला न सकी
      बहुत चाहा सरगम में घुल मिल जाना
      मगर क्या करते अपनी लय ही बेजुबानी है
      ………………………………… बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      रद्दी कागज के कुछ पन्नो में लिपटी हुई
      कहे – अनकहे अल्फाजो में सिमटी हुई
      सूखे रेत की तरह हाथ से फिसलती हुई
      हवा और पानी सी बहती अपनी जिंदगानी है
      बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !! … बस कुछ ऐसी मेरी कहानी है !!

      डी. के. निवातियाँ__________________@@@

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