मंगलवार, 24 मार्च 2015

मुझे बरसात कह दो तुम।

तेरे दिल में जो बस जाऊं मुझे जज्बात कह दो तुम।
जो आँखों से छलक जाऊं मुझे बरसात कह दो तुम।
यूँ तो जागा हूँ मैं हर लम्हा तेरे इक दीदार की खातिर
सुकूँ से जो तुमको सुलाऊँ मुझे वो रात कह दो तुम।

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