रंगीन चाँदनी से
  आकाश जगमगाया,
  होली का चाँद कैसे
  सज संवर के आया,
  अपनी हथेलियों में
  गुलाल भर के लाया,
  ओ कलियों जरा बच के
  भँवरे हैं स्वांग रच के ,
  फूलों ने किस अदा से
  तितली का रंग चुराया
  होली का चाँद कैसे …..
  दे दो हमें आज़ादी
  ओ नई नवेली भाभी,
  निकला जो तुमको छू कर
  गुलाल मुस्कराया,
  होली का चाँद ……
  आम है बौराया
  और खेत है सरसाया ,
  गेहूं की बालियों में है
  दूध उतर आया,
  होली का चाँद …….
  सबको गले लगा लो,
  हर भेद तुम भुला दो,
  रंग जाओ एक रंग में
  मधुमास गुनगुनाया,
  होली का चाँद कैसे
  सज़ सँवर के आया
  अपनी हथेलियों में
  गुलाल भर के लाया …….
  anil kumar singh
शनिवार, 14 मार्च 2015
होली का चाँद
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