सुरेश के दोहे
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  प्यार मुहब्बत सच यहाँ, झूठा लव जिहाद।
  नफरत फ़ैलाने लोगो ने, शब्द किया ईजाद।।
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  जाति धर्म के भेद को, गढ़ता है इन्सान।
  नानक ईसा एक है, एक खुदा भगवान।।
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  हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, ज्यों होली के रंग।
  हर त्यौहार सार्थक है, चारों जब हो संग।।
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  धर्म के नाम लोग जो, फैलाते है उन्माद।
  इंसानियत के दुश्मन है, इतना वो रखें याद।।
(सुरेश जादव)
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