प्यारी प्यारी भोली भाली
प्यारी ऑंखें , प्यारी बातें
बातों में बस एक ही बात
नहीं नहीं और नहीं नहीं
मैंने पूछा प्यार है मुझसे
वो बोली की नहीं नहीं
मैंने पूछा तुम मेरी हो
बोली मुझसे अभी नहीं
मैंने पूछा कब मेरी बनोगी
वो फिर बोली कभी नहीं
मैंने पूछा कब तुम मेरे घर आओगी
मुझसे बोली नहीं आउंगी , और पूछा मुझसे " तुम ही कहो मैं क्यों आउंगी "
मैंने बोला मेरी बन जा ,
घर में आ जा ,
प्यार मैं दूंगा दुनिया का ,
और नहीं कोई गम होगा ,
बस छोटा सा एक घर प्यारा सा दुनिया के किसी तिराहे पर बना ही लेंगे
एक छोटी सी दुनिया हम मिलकर वन्हन बसा भी लेंगे
झगड़ेंगे ,
खेलेंगे ,
पर साथ नहीं छोड़ेंगे ,
तब तक जब तक साँस एक भी बाक़ी है
सपना मेरा टूट गया था , इसके पहले की उसकी कोई भी ना हाँ में बदले
अब तुम ही बोलो उसका उत्तर क्या होगा
चाहो तो उस ना को हाँ कर दो
मेरे जीवन को खुशियों से तुम भर दो
मेरा जीवन , मेरी दुनिया , मेरी कविता पूरी कर दो
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